- एडीएम अनुकूल जैन बने महाकाल मंदिर प्रशासक, पहले भी संभाल चुके हैं जिम्मेदारी; शासन का आदेश आने तक देखेंगे कार्य ...
- भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर में जयकारों के बीच हुई बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती, राजा स्वरूप में किया गया भगवान का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज कुंभ के लिए मुख्यमंत्री को मिला विशेष आमंत्रण! हरिद्वार से आए निरंजनी अखाड़ा प्रमुख ने मुख्यमंत्री यादव से की भेंट, उज्जैन में साधु-संतों के लिए भूमि आवंटन निर्णय को स्वामी कैलाशानंद ने बताया प्रशंसनीय
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग-चंदन और रजत मुकुट के साथ सजे बाबा महाकाल, भक्तों ने किए अद्भुत दर्शन
- महाकाल के दर पर पहुंचे बी प्राक, भस्म आरती में शामिल होकर लिया आशीर्वाद; करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल की भक्ति में दिखे लीन, मंगलनाथ मंदिर में भी की पूजा
कार्तिक-अगहन माह की आखिरी राजसी सवारी आज: शाम 4 बजे ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल, चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में भक्तों को देंगे दर्शन
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन, जो धर्म और आस्था का केंद्र है, यहाँ बाबा महाकाल को नगर का राजा और संरक्षक माना जाता है। भगवान महाकाल अपने भक्तों से मिलने और नगर पर अपनी कृपा बरसाने के लिए सालभर अलग-अलग अवसरों पर नगर भ्रमण करते हैं। बता दें, श्रावण-भादौ और दशहरा के विशेष अवसरों पर बाबा महाकाल की भव्य सवारी का आयोजन उज्जैन में होता है। अब इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कार्तिक और अगहन मास में भी भगवान महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
बता दें, उज्जैन में आज, सोमवार को बाबा महाकाल की कार्तिक-अगहन माह की आखिरी राजसी सवारी निकलेगी। शाम 4 बजे शुरू होने वाली इस भव्य सवारी का आयोजन परंपरागत तरीके से होगा। भगवान चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में पालकी में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। कार्तिक-अगहन माह की अंतिम सवारी उज्जैनवासियों और भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का उत्सव है। बाबा महाकाल के नगर भ्रमण के दौरान हर गली और चौक भक्ति रस से सराबोर हो जाता है।
पूजन और सलामी के साथ होगी शुरुआत
सवारी से पहले, सायं 3:30 बजे महाकाल मंदिर के सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन किया जाएगा। इसके बाद, पालकी में विराजमान भगवान को मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल सलामी देगा। बाबा की सवारी के साथ अश्वारोही दल, पुलिस बैंड, भजन मंडलियों के सदस्य, और डमरू वादन करती युवाओं की टोली भक्ति की ऊर्जा बिखेरेंगे।
पांच किलोमीटर का भव्य भ्रमण मार्ग
इस आखिरी सवारी का मार्ग करीब पांच किलोमीटर लंबा होगा, जो परंपरागत मार्गों के साथ-साथ शहर के अन्य हिस्सों से होकर गुजरेगा। सवारी में बाबा महाकाल का भव्य राजसी स्वरूप देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। सवारी के दौरान बाबा महाकाल की पालकी का दर्शन करना और उनके स्वरूप की झलक पाना भक्तों के लिए सौभाग्य का क्षण होता है। भजन, डमरू वादन और मंत्रोच्चार से गूंजते उज्जैन की यह शाम भक्तिमय माहौल में बदल जाएगी। बता दें, नगर भ्रमण के दौरान महाकाल न केवल भक्तों का आशीर्वाद देते हैं, बल्कि नगर की सुख-समृद्धि का भी ध्यान रखते हैं।